Jun 3, 2025, 09:51 AM IST

IIT ग्रजुएट हैं ये 7 संन्यासी, विदेश से पढ़कर लौटे थे कई 

Ritu Singh

अमोघ लीला दास- इनका असली नाम आशीष अरोड़ा था और उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने अमेरिका स्थित एक मल्टीनेशनल कोर्पोरेशन के लिए काम करना शुरू कर दिया था लेकिन 29 साल की उम्र में ही इस्कॉन में शामिल हो गए और अब भिक्षु, आध्यात्मिक कार्यकर्ता, लाइफस्टाइल कोच और प्रेरक वक्ता हैं.

अविरल जैन ने आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने साल 2019 में जॉब छोड़ दी और संन्यासी बन गए.

रसनाथ दास ने साल 2007 में मठ में चले गए. वो आईआईटी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. उन्हेंने आईआईटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली है.

संकेत पारेख 22 जनवरी 2023 को मुंबई के बोरीवली में एक समारोह में भिक्षु बन गए. संकेत ने इससे पहले आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की और अच्छी-खासी नौकरी कर रहे थे.

स्वामी मुकुंदानंद टेक्सास में जगदगुरु कृपालुजी योग के संस्थापक हैं. वो एमआईटी, स्टैनफोर्ड, येल विश्वविद्यालय, कॉर्नेल विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में व्याख्यान देते हैं.

संदीप कुमार भट्ट आईआईटी दिल्ली के गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब की. लेकिन लाखों की नौकरी छोड़कर संन्यासी बन गए.

गौरांग दास प्रभु देश के जाने-माने आध्यात्मिक गुरु हैं. वो मुंबई में इस्कॉन मंदिर से जुड़े हैं. वो समाज सुधारक, पर्यावरण लीडर, सलाहकार भी हैं. गौरांग दास ने साल 1989 से 1993 के बीच आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.