चाणक्य के अनुसार इन मौकों पर पहचानें कौन आपका अपना है और कौन पराया
Aditya Katariya
चाणक्य अपनी बुद्धि और कुशल रणनीतियों के लिए फेमस थे. उनके विचार आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं.
उनके अनुसार, केवल कुछ परिस्थितियों में ही हम जान सकते हैं कि हमारा सच्चा मित्र कौन है और कौन नहीं.
आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार वे कौन सी परिस्थितियां हैं जिनमें हम अपने-पराए की पहचान कर सकते हैं.
जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो उसके आस-पास केवल सच्चे दोस्त ही होते हैं. जब आप बीमार होते हैं तो जो व्यक्ति आपकी देखभाल करता है, वही आपका सच्चा दोस्त होता है.
मुश्किल समय में सिर्फ सच्चे दोस्त ही आपका साथ देते हैं. जब आप मुसीबत में होते हैं तो आपके आस-पास कौन होता है, यही तय करता है कि आपका सच्चा दोस्त कौन है.
जब आप आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, तो सिर्फ आपके सच्चे दोस्त ही आपकी मदद करते हैं. जो व्यक्ति पैसे खत्म होने पर भी आपके साथ रहता है, वही आपका सच्चा दोस्त है.
जब आप अकेले महसूस करते हैं, तब आपके सच्चे मित्र आपके साथ समय बिताने के लिए तैयार रहेंगे.
जब आप किसी कानूनी मामले में फंस जाते हैं तो आपका सच्चा दोस्त ही आपका साथ देता है. जो व्यक्ति आपको कोर्ट में अकेला छोड़ देता है, वह आपका सच्चा दोस्त नहीं है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.