Aug 12, 2024, 07:51 AM IST

इन 5 महिलाओं का कौमार्य कभी नहीं हुआ भंग 

Ritu Singh

हिंदू धर्म में कुछ दिव्य कन्याओं के बारे में भी बताया गया है जिनके पास दैवीय शक्तियां थीं.

कन्या को भगवान का स्थान दिया गया है. ऐसी मान्यता है कि ये 5 कन्याएं विवाह और बच्चों के जन्म के बाद भी कुंवारी थीं. 

अहिल्या देवी का उल्लेख वाल्मिकी रामायण के बालकांड में मिलता है. अहिल्या देवी का विवाह गौतम ऋषि से हुआ था

 त्रेता युग में जब भगवान राम ने अहिल्या को अपने पैरों से छुआ तो वह फिर से स्त्री बन गयी लेकिन वह आजीवन कुंवारी मानी गई थीं.

द्रौपदी का जन्म एक यज्ञ से हुआ था. कहा जाता है कि पांच पांडवों से शादी करने के बाद भी द्रौपदी कुंवारी थी.

 रावण की पत्नी मनदोदरी का विवाह और पुत्र होने के बाद भी उनका कौमार्य बरकरार रहा था.

 तारा एक अप्सरा थी जिसका विवाह बाली से हुआ था. कहा जाता है कि तारा को देवताओं से शाश्वत कौमार्य प्राप्त हुआ था. 

कुंती का विवाह हस्तिनापुर के राजा पांडु से हुआ था. लेकिन पांडु को श्राप था कि अगर वह अपनी पत्नी कुंती को छूएंगे तो उनकी मृत्यु हो जाएगी.

उसी समय कुंती देवों के आशीर्वाद से मातृत्व की प्राप्ति हुई. लेकिन संतान होने के बाद भी कुंती को हमेशा कुंवारी ही माना गया.