Apr 19, 2024, 10:23 AM IST
महाभारत के इस योद्धा ने कर्ण से लेकर द्रोणाचार्य को कर दिया था परास्त
Nitin Sharma
द्वापर में हुए महाभारत युद्ध के साक्ष्य आज कलयुग में भी मिलते हैं. इसमें लाखों योद्धाओं की मौत हुई थी.
इसमें कई सारे ऐसे योद्धा भी थे, जो सिर्फ एक ही पल में महाभारत युद्ध को समाप्त कर सकते थे.
महाभारत में एक ऐसा ही योद्धा सात्यकि था. इन्हें शनि का पुत्र माना जाता था. सात्यकि को दारुक युयुधान और शैनेय के नाम से भी जाना जाता था.
शनि पुत्र सात्यकि पांडवों के भाई अर्जुन के शिष्य थे. उन्होंने अर्जुन से शिक्षा प्राप्त की थी.
महाभारत युद्ध में सभी बलशाली श्री कृष्ण की नारायणी सेना भी कौरवों की तरफ से लड़ने को तैयार थी.
सात्यकि ने अर्जुन का शिष्य होने के नाते कृष्ण भगवान से विनती करते हुए कहा कि उसे पांडवों की तरफ युद्ध में शामिल होने की अनुमति मिले.
शनि पुत्र सात्यकि ने अपने तेज और बल से रण भूमि पर द्रोणाचार्य, कृतवर्मा, कंबोजों, यवन, कौरव सेना और कर्ण को पराजित कर दिया था.
लेकिन कर्ण को मारने की प्रतिज्ञा अर्जुन ने की हुई थी. इसलिए सात्यकि ने उन्हें छोड़ दिया.
भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और अर्जुन की शिक्षा से ही सात्यकि महाभारत युद्ध के अंत तक जीवित रहा.
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