Jan 14, 2024, 09:57 AM IST

कितने साल तक जीवित थे भगवान राम और कैसे हुई थी उनकी मृत्यु ?  

Ritu Singh

श्री राम के जन्म की कथा तो सभी ने सुनी हुई है लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री राम की मृत्यु कैसे हुई थी.

भगवान राम ने धरती पर 1000 वर्षों से भी ज्यादा समय तक शासन किया था.

भगवान राम की मृत्यु को लेकर दो तरह की मान्यताएं है. दोनों ही कथा पुराणों में है. लेकिन आपको ये बता दें की भगवान राम ने अपनी इच्छा से मृत्यु का वरण किया था.

पहली कथा के अनुसार जब सीता माता ने अपने दोनों बच्चों लव और कुश को प्रभु श्रीराम को सौंपा और धरती माता में समा गईं. माता सीता के जाने से प्रभु श्रीराम बहुत दुखी हो गए.  तब उन्होंने यमराज से सहमति लेकर सरयू नदी में जल समाधि ले ली थी.

पद्मपुराण के अनुसार भगवान राम जब अपना अवतारकाल समाप्त करके एक ऋषि का रूप धारण करके आये तब यमराज भी एक ऋषि के रूप में आए और उन्होंने राम जी से बात करने का आग्रह किया और यह शर्त रखी कि बात करते समय कोई भी बीच में न आए.

उस समय प्रभु श्री राम ने भ्राता लक्ष्मण से कहा कि वो एकांत चाहते हैं , इसलिए आप दरवाज़े पर खड़े हो जाएं जिससे कोई भीतर प्रवेश न कर सके. इतनी देर में ऋषि दुर्वाशा वहां आ गए और राम जी से मिलने का आग्रह करने लगे. लक्ष्मण जी के मना करने पर भी ऋषि नहीं माने और क्रोधित होकर बात करने लगे. 

लक्ष्मण जी दुर्वासा के क्रोध से बचने के लिए कमरे में प्रवेश कर गए जहां श्री राम वार्तालाप कर रहे थे. ये देखकर श्री राम भी लक्ष्मण पर कुपित हुए और उन्हें मृत्यु दंड न देकर देश निकाला दे दिया. 

लक्ष्मण जी के लिए वह भी मृत्यु सामान ही था,इसलिए वो सरयू नदी में समा गए और शेषनाग का रूप धारण कर लिया. 

भाई की जलसमाधि से आहत होकर श्रीराम ने भी जल समाधि का निर्णय लिया. वो सरयू नदी के अंदर गए और भगवान विष्णु का अवतार ले लिया. इस तरह श्रीराम ने मानव शरीर त्याग दिया और बैकुंठ धाम चले गए.