मंगलवार से कैसे अलग है बड़ा मंगल? लखनऊ से जुड़ी है कहानी
Aman Maheshwari
हनुमान जी की पूजा के लिए हर मंगलवार का दिन खास होता है. लेकिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है.
बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है इस दिन हनुमान जी के वृद्ध रूप की पूजा की जाती है.
ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन ही हनुमान जी की पहली मुलाकात राम जी से हुई थी. यह दिन हनुमान जी और श्रीराम की पूजा के लिए खास होता है.
बड़ा मंगल का पर्व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां पर अलीगंज में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है.
लखनऊ में इस दिन भंडारों का आयोजन किया जाता है और कई जगहों पर प्याऊ लगवाए जाते हैं.
लखनऊ में बड़ा मंगल मनाने की शुरुआत मुगलशासक नवाब मोहम्मद अली शाह की वजह से हुई थी.
करीब 400 साल पहले अवध के मुगलशासक नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत खराब थी वह और उनकी बेगम बहुत ही दुखी थें.
जब कई कोशिशों के बाद भी बेटे की तबीयत ठीक नहीं हुई तो लोगों ने नवाब मोहम्मद अली शाह को लखनऊ के अलीगंज में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में दुआ मांगने को कहा.
लोगों की सलाह पर उन्होंने ऐसा ही किया और कुछ दिनों बाद उनके बेटे की तबीयत में सुधार आया. तब उनकी बेगम ने यहां पर हनुमान मंदिर की मरम्मत कराई. यह काम ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ था.
ऐसी मान्यता है कि तभी से यहां ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार पर जगह-जगह भंडारे का आयोजन होता है. लखनऊ में बड़ा मंगल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.