Sep 2, 2024, 11:40 PM IST
साधु-संत और मुनि में क्या अंतर होता है?
Sumit Tiwari
भारत भूमि को ऋषि-मुनियों का देश कहा जाता है.
भारत में प्राचीन समय से ही ऋषि-मुनियों का विशेष महत्व रहा है.
इस देश में ऋषि-मुनियों को समाज का पथ प्रदर्शक माना जाता हैं.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऋषि, महर्षि, मुनि, साधु और संत में क्या अंतर होता है.
ऋषि, वैदिक ऋचाओं के रचयिताओं को ही ऋषि का दर्जा प्राप्त है. यह संस्कृत भाषा का शब्द है.
जब कोई ऋषि ज्ञान और तप की उच्चतम सीमा पर पहुंच जाता है तो उसे महर्षि कहा जाता है.
मुनि, इसका अर्थ होता है मौन साधना करने वाले. अर्थात जो कम बोलते है उन्हें मुनि कहा जाता है.
साधना करने वाले व्यक्ति को साधु कहा जाता है. साधु होने के लिए ज्ञानी होना जरूरी नहीं है.
संत, सत्य का ध्यान में रखकर नियमित आचरण करने वाले व्यक्ति को संत कहते हैं.
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