Jan 17, 2024, 07:50 AM IST

इन 6 लोगों से पैर छुआना पाप माना गया है

Ritu Singh

हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा बहुत पुरानी है. यह दूसरों के प्रति आदर और सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है. लोग श्रद्धा और समर्पण की भावना से पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं. पैर छूकर लोग देवी-देवताओं, संतों, महात्माओं, गुरुओं और बुजुर्गों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं.

पुराणों में पैर छूने के कुछ विशेष नियम भी बताए गए हैं, जिनमें कुछ लोगों के पैर छूना वर्जित माना गया है. अगर कोई आपके पैर छू रहा है या आप किसी के पैर छू रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें. शास्त्रों में इन लोगों के पैर छूना पाप माना गया है.

कुंवारी लड़कियां:- शास्त्रों के अनुसार किसी को भी कुंवारी लड़कियों के पैर नहीं छूने चाहिए. छोटी बच्चियों को माता रानी का स्वरूप माना जाता है. बदले में छोटी कन्याओं और कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

बहू- किसी भी पिता को अपनी बेटियों के पैर नहीं छूने चाहिए. बेटियों को भी पिता के पैर नहीं छूने चाहिए क्योंकि इससे पिता को दोष लगता है. साथ ही सास-ससुर भी बहुओं से पैर नहीं छूने दें. क्योंकि बहुएं घर की लक्ष्मी मानी जाती हैं.

मंदिर में बड़ों के पैर - अगर आप किसी मंदिर में किसी बुजुर्ग या सम्मानित व्यक्ति से मिलें तो उनके पैरों में न छूएं. क्योंकि मंदिर में भगवान से बड़ा कोई नहीं होता है.  ऐसा मंदिर और भगवान का अपमान माना. 

सोते हुए व्यक्ति के पैर छूना:- यदि कोई व्यक्ति सो रहा है या लेटा हुआ है तो उस समय उसके पैर नहीं छूने चाहिए. ऐसा माना जाता है कि लेटे हुए व्यक्ति के पैर छूने से उस व्यक्ति की उम्र कम हो जाती है. केवल मृत व्यक्ति के पैर ही छुए जाते हैं.

श्मशान से लौट रहे व्यक्ति के पैर छूना- श्मशान से या श्मशान घर से लौट रहे व्यक्ति के पैर नहीं छूना चाहिए. अंतिम संस्कार से लौटने पर व्यक्ति अपवित्र हो जाता है, ऐसे में उसके पैर छूने की मनाही होती है. जब वह स्नान के बाद शुद्ध हो जाएं तो आप उनके पैर छू सकते हैं.

भाना-भानी - मान्यताओं के अनुसार चचेरी भांजियों को अपने मामा के पैरों पर नहीं गिरना चाहिए. भाना-भानी को शास्त्रों में पूजनीय माना गया है और यदि यह पैरों पर गिरे तो मामा को पाप लग सकता है.