Jul 13, 2024, 08:03 PM IST

इस ऋषि के नाम से देवता भी कांपते थे, वरदान बन जाता था अभिशाप 

Smita Mugdha

दुर्वासा ऋषि को उनके क्रोध की वजह से जाना जाता है, क्योंकि क्रोधित होने पर वह तत्काल श्राप दे देते थे. 

दुर्वासा ऋषि के क्रोध का ऐसा डर था कि देवराज इंद्र समेत स्वर्ग में सभी देवी-देवता उनसे डरते थे. 

दुर्वासा ऋषि के बारे में मान्यता है कि जब वह खुश होकर वरदान देते थे तब भी अक्सर वह प्रतिकूल असर ही लाता था.  

दुर्वासा ऋषि ने देवराज इंद्र को श्राप दे दिया था और इंद्रदेव की सारी संपत्ति और ऐश्वर्य छिन गया था. 

इसी तरह से उनके श्राप की वजह से एक अप्सरा 16 साल पक्षी बन रहना पड़ा था

दुर्वासा ऋषि के वस्त्र द्रौपदी ने बचाए थे और उन्होंने वरदान दिया था कि जब वस्त्रों की कमी हुई, तो मदद मिलेगी. 

माना जाता है कि यह ऋषि वचन था जिसकी वजह से चीरहरण हुआ और कृष्ण ने द्रौपदी की तब लाज बचाई थी. 

दुर्वासा ऋषि ने कुंती के सेवा भाव से खुश होकर उन्हें सूर्यदेव से तेजस्वी पुत्र का वरदान दिया था जो उनके लिए अभिशाप बन गया. 

अविवाहित होने की वजह से कुंती को अपने पुत्र को गंगा नदी में बहाना पड़ा और महाभारत के युद्ध में कर्ण अपने भाइयों के खिलाफ लड़े.