Aug 5, 2024, 02:05 PM IST
कौरवों और पांडवों के बीच छिड़े महाभारत के युद्ध से जुड़े कई किस्से और कहानियों हैं जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं. ऐसी भी कुछ घटनाएं हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं.
आज हम आपको दुर्योधन के उस मित्र और संदेशवाहक के बारे में बताने वाले हैं जिसने भरी सभा में श्रीकृष्ण और पांडवों का अपमान किया था.
गांधार नरेश शकुनिी के तीन पुत्र थें. इनमें से एक उलूक था जिसने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया था. उलूक की इस युद्ध में खास भूमिका थी.
उलूक युद्ध में 18वें दिन तक जीवित रहा था. उलूक दुर्योधन का दूत बनकर पांडवों और श्रीकृष्ण के पास संदेश लेकर गया था.
वहां उलूक ने तीखे शब्दों में दुर्योधन का संदेश सुनाया था. भरे दरबार में पांचों पांडवों को खरी-खोटी सुनाई और सभी की वीरता की खिल्ली उड़ाई.
संदेश इतना अपमानजनक था कि, भीष्म और अर्जुन उलूक के वध को तैयार हो गए थे. लेकिन युधिष्ठिर ने दूत की मर्यादा का ख्याल रखते हुए उन्हें रोक लिया.
पांडवों ने उलूक का संदेश सुनने के बाद दुर्योधन को जवाबी संदेश दिया. भीम और सहदेव ने दुर्योधन की जांघ चीर देने की धमकी दी.
नकुल और सहदेव ने भी अपना संदेश भिजवाया. श्रीकृष्ण ने भी दुर्योधन के लिए अपना कठोर संदेश भिजवायाय. उन्होंने कहा कि, दुर्योधन से कहना हम उससे युद्ध में मिलेंगे.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.