May 15, 2024, 03:11 PM IST

अर्जुन को मां गंगा ने क्यों दिया था मरने का श्राप

Ritu Singh

महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को मां गंगा ने एक भयानक श्राप दिया था. मां गंगा अर्जु और श्रीकृष्ण की एक चाल से क्रोधित हो गई थीं.

सभी जानते थे कि महाभारत में पितामह भीष्म के आगे अर्जुन का टिकना मुश्किल था और युद्ध मैदान में जब पितामह के बाणों से पांडवों की सेना छलनी होने लगी तब,,,

अर्जुन श्रीकृष्ण से मदद मांगे और तब भगवान कृष्ण जो अर्जुन को एक छल करने को कहा. छल के मुताबिक युद्ध में शिखंडी जो कि किन्नर था उसे भीष्म के सामने लाने को कहा.

ऐसा इसलिए क्योंकि शिखंडी का जन्म भले ही किन्नर के रूप में हुआ हो लेकिन भीष्म उसे कन्या ही माना करते थे. शिखंडी पूर्व जन्म में वही अंबा थी जिसकी भीष्म से दुश्मनी थी.

भीष्म कन्याओं पर अस्त्र-शास्त्र का प्रयोग नहीं करते थे और जब युद्ध में सामने शिखंडी आई तो भीष्म ने हथियार रख दिए और तब अर्जुन ने भीष्म पर लगातार कई तीरों से वार किया और भीष रथ से गिर गए और बाणों की शैय्या पर लेट गए. 

यह देख मां गंगा को बहुत क्रोध आ था. वह युद्ध के मैदान में प्रकट हुईं और उन्होंने अर्जुन को श्राप दिया कि अर्जुन की मौत उसके अपने बेटे के हाथों ही होगी

मां गंगा ने भी एक छल कर अर्जुन के बेटे बब्रुवाहन को ऐसा भ्रमित कर दिया था कि उसने अपने ही पिता अर्जुन का सिर काटकर उनका वध कर दिया था,

हालांकि बाद में श्री कृष्ण ने अर्जुन को पुनः जीवित किया और अर्जुन के पुत्र बब्रुवाहन को मां गंगा की माया से मुक्त किया था.