Apr 12, 2024, 03:14 PM IST

कुछ ऐसा है संकटमोचन हनुमान मंदिर का इतिहास

Puneet Jain

वाराणसी को ज्ञान और मोक्ष की नगरी कहा जाता है. यहां पर कई धार्मिक स्थल हैं.

इन्हीं में से एक बजरंगबली का संकटमोचन हनुमान मंदिर भी है.

वाराणसी में बने इस मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी का है. 

लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण गोस्वामी तुलसीदास ने कराया था.

तुलसीदास बजरंगबली के परम भक्तों में से एक हैं.मान्यता है कि उन्हें इसी स्थान पर बजरंगबली के दर्शन हुए थे.

बजरंगबली के सम्मान में उन्होंने यहां मंदिर का निर्माण करवाया था.

इस मंदिर का नाम 'संकट मोचन हनुमान मंदिर' रख दिया, जिसका अर्थ "संकटों को हरने वाला".

मंदिर में बजरंगबली की काले पत्थर मे बनी करीब 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्तापित है.

साथ ही मंदिर में श्री राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.