May 15, 2024, 08:36 AM IST

हनुमान जी के भक्त हैं तो जरूर जान लें उनसे जुड़े ये 10 रहस्य

Aman Maheshwari

हनुमान जी ने सूर्यदेव, पवनदेव और नारदजी के अलावा मातंग ऋषि से शिक्षा-दीक्षा ली थी. हनुमान जी मातंग ऋषि के शिष्य थे.

आपको बता दें कि, रामायण काल में एक बार राम और हनुमान जी के बीच युद्ध भी हुआ था. युद्ध के दौरान हनुमान जी ने राम नाम जप रहे थे ऐसे में उनके ऊपर सभी शस्त्र विफल हो गए थे.

हनुमान जी पवन पुत्र हैं और माता कुंती ने भी पवनदेव के माध्यम से ही भीम को जन्म दिया था. ऐसे में यह दोनों भीम और हनुमान जी के भाई थे.

बजरंगबली रामभक्त तो है ही इन्हें मां जगदम्बा का सेवक भी माना जाता है. माता के सभी मंदिर में हनुमान जी का मंदिर जरूर होता है.

हनुमान जी की सबसे पहले स्तुति रावण के भाई विभीषण ने की थी. विभीषण को भी चिरंजीवी होने का वरदान मिला था. ऐसा माना जाता है कि वह आज भी सशरीर जीवीत है.

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सबसे पहले रामायण हनुमान जी ने ही लिखी थी. रामायणलंका कांड होने के बाद ही हनुमान जी ने हिमालय जाकर पत्थरों पर अपने नाखूनों से रामायण लिखी थी.

हनुमान जी का नाम हनुमान उनकी ठोड़ी के आकार के कारण पड़ा था. हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी होने के बावजूद पिता भी हैं. उनके बेटे का नाम मकरध्वज था.

बजरंगबली के पास कई वरदान और शक्तियां थीं. उनके ऊपर ब्रह्राास्त्र भी बेअसर था. अशोकवाटिका में उनके ऊपर ब्रह्राास्त्र  बेअसर हो गया था.

बजरंगबली एक प्रमुख देव हैं. वह शक्तिशाली होने के बाद भी भगवान के प्रति समर्पित हैं और भक्तों की तुरंत सहायता करते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात वह आज भी सशरीर मौजूद हैं.