श्रीराम भक्त हनुमान जी बेहद बलशाली थे. वह हर संकट को काटते हैं. इसलिए उन्हें संकटमोचक भी कहा जाता है.
भगवान विष्णु के श्रीराम रूप में अवतार लेने के बाद राक्षसों को मारने में उनकी मदद के लिए महादेव ने हनुमान का अवतार लिया था.
हनुमान जी की मां अंजनी और पिता पवन कुमार थे. वानर होने के बावजूद हनुमान जी बचपन से ही चमत्कारी थे.
क्या आपको पता है कि हनुमान जी जन्म से ही कवच कुंडल के साथ पैदा हुए थे. उनके कान में कुंडल था. हनुमान चालीसा में भी इसका वर्णन मिलता है, कानन कुंडल कुंचित केसा.
हनुमान जी के कान में ये कुंडल कैसे आया. पौराणिक कथा के अनुसार, नारद जी ने भविष्यवाणी की थी कि बाली की मृत्यु की वजह हनुमान बनेंगे.
यह पता लगने के बाद बाली ने हनुमान जी को गर्भ में ही मारने का प्रयास शुरू किया.
इसके लिए बाली ने माता अंजनी को एक मायावी जहर दिया, जिससे माता नहीं बल्कि गर्भ में मरने वाला बच्चा मर जाएगा.
बाली ने यह जहर 5 मेटल पिघलाकर बनाये थे. इसके बाद मां अंजनी को पिला दिया, लेकिन 5 मेटल का यह जहर हनुमान जी को नुकसान देने की जगह पर बजरंगबली के कानों का कुंडल बन गया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)