Mar 21, 2024, 03:03 PM IST

भारत नहीं, पाकिस्तान से जुड़ा है होलिका दहन का इतिहास, जानें क्या है कनेक्शन

Aman Maheshwari

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन की कहानी पाकिस्तान से जुड़ी हुई मानी जाती है.

पाकिस्तान के मुल्तान शहर में प्रह्लादपुरी मंदिर से होलिका की मान्यता जुड़ी है. ऐसा माना जाता है कि यहीं पर होलिका अग्नि में जलकर भस्म हुई थी.

मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले भक्त प्रहलाद ने कराया था. यह मंदिर नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया गया था.

हालांकि अब इस मंदिर में भक्तों के जाने पर पाबंदी लगी है. दरअसल, 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद यह मंदिर तोड़ दिया गया था. उसके बाद से यहां होली मनाने पर पाबंदी है.

हिरण्यकश्यप राक्षसों के राजा था. हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु का परम भक्त था. वह अपने पुत्र को भगवान की भक्ति करने से रोकता था.

हिरण्यकश्यप बहुत कोशिशों के बाद भी जब अपने पुत्र को नहीं रोक सका तो अपनी बहन होलिका की गोद में बैठाकर प्रहलाद को अग्नि में बैठा दिया.

होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान था. लेकिन प्रहलाद की भक्ति से वह बच गया और होलिका जलकर भस्म हो गई.

इस तरह होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होलिका दहन में प्रहलाद के बच जाने पर हिरण्यकश्यप ने उसे खंभे से बांध दिया. भगवान विष्णु से खंभे से नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.