Jun 1, 2024, 04:08 PM IST

रामायण काल में कितने जनपद थे और भारत की सीमा कहां तक थी?

Ritu Singh

भगवान राम के राज्य की सीमा कहां तक थी और कितने जनपद इसमें आते थे और इनके नाम क्या थे.

रामायण काल का संपूर्ण भूगोल और सामाजिक स्थिति कैसी थी और रामायण काल कब था. चलिए सब कुछ जानें.

पुरातत्व वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी की पॉटरी की नई सिरे से पड़ताल की और ऑप्टिकली स्टिम्यलैटड लूमनेसन्स तकनीक से इसकी उम्र आंकी है.

ऑप्टिकली स्टिम्यलैटड लूमनेसन्स तकनीक के अनुसार 6,000 वर्ष पुराने निकले हैं.

इसके अलावा अन्य कई शोध में यह सभ्यता 8,000 वर्ष पुरानी है. यानी ये सभ्यता तब विद्यमान थी जबकि भगवान श्रीराम (5114 ईसा पूर्व) का काल था.

और श्रीकृष्ण के काल (3228 ईसा पूर्व) में इसका पतन होना शुरू हो गया था.

हड़प्पा सभ्यता से 1,0000 वर्ष पूर्व की सभ्यता के प्रमाण भी खोजी गई है.

रामायण काल के जनपद राम के काल 5114 ईसा पूर्व में 9 प्रमुख महाजनपद थे.

जिसके अंतर्गत उपजनपद होते थे. ये 9 इस प्रकार हैं- 1. मगध, 2. अंग (बिहार), 3. अवन्ति (उज्जैन), 4. अनूप (नर्मदा तट पर महिष्मती), 5. सूरसेन (मथुरा), 6. धनीप (राजस्थान),

7. पांडय (तमिल), 8. विन्थ्य (मध्यप्रदेश) और 9. मलय (मलावार). इन महाजनपदों के अंतर्गत ही कैकयी, कौशल, अवध, मिथिला आदि जनपद होते थे.

 इन्हीं महाजनपदों में खासकर अवध, कैकयी, कौशल, प्रयाग, चित्रकूट, जनकपुर (मिथिला), दण्डकारण्य के साथ...

महाकान्तर, तालीमन्नार, किष्किन्धा, रामेश्वरम, लंका, कंपिल, नैमिषारण्य, गया, अवंतिका, शूरसेन (मथुरा), कम्बोज, 

कुशावती, दशार्ण (विदिशा), निषाद, काशी, पंचवटी, मलय आदि कई क्षेत्र प्रसिद्ध थे.

सूर्यसिद्धांत और वाल्मिकी रामायण में भी रामायण काल के दौरा का भूगोल बताया गया है.