Aug 5, 2024, 04:49 PM IST

संजीवनी बूटी का रोचक रहस्य नहीं जानते होंगे आप, ऐसे हुई थी उत्पत्ति

Aman Maheshwari

रामायण में युद्ध के दौरान लक्ष्मण इंद्रजीत के बाण से मूर्छित हो गए थे. उस समय लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी का इस्तेमाल किया गया था.

संजीवनी बूटी को हनुमान जी हिमालय की गोद से लेकर आए थे. हनुमान जी को जब संजीवनी बूटी की पहचान नहीं होती है तो वह पूरा पर्वत उठाकर ले आते हैं.

रामायण में संजीवनी बूटी के बारे में कई रोचक बातें बताई गई हैं. संजीवनी बूटी का निर्माण कैसे हुआ था इस बारे में भी जिक्र मिलता है.

मान्यताओं के अनुसार, जब राम और लक्ष्मण वन में भटक रहे थे तब उनकी भेंट माता शबरी से हुई थी. माता शबरी ने उनके लिए मीठे बेर रखे थे. जिन्हें उन्होंने चख कर देख रखा था.

अपने चखे हुए झूठे बेर उन्होंने जब राम और लक्ष्मण को दिए तो राम जी ने बेर खा लिये. लेकिन लक्ष्मण ने जूठे बेर को फेंक दिया.

लक्ष्मण ने बेर को इतनी दूर फेंका था कि, वह द्रोणागिरी पर्वत पर गिरे. उस समय राम जी ने लक्ष्मण से कहा ये बेर एक दिन तुम्हारी रक्षा करेंगे. यहीं बेर संजीवनी बूटी बने जिससे लक्ष्मण के प्राण बचे.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.