दुख से बड़ा इंसान का कोई दुश्मन नहीं होता है. दुख बुद्धिमान और शक्तिशाली इंसान को भी कमजोर बना देता है. ऐसे में दुख को अपने मन और बुद्धि पर हावी न होने दें.
उत्साह में बहुत शक्ति होती है. उत्साहित मन वाला मनुष्य किसी भी परेशानी हो आसानी से हरा सकता है.
उत्साहिन, दुखी और निर्बल मनुष्य कभी भी कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता है.
दुख आने पर अपने जीवन को नष्ट न करें. सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है मृत्यु से नहीं.
इंसान का चेहरा उसके मन के भावों का आईना होता है. कोई भी मनुष्य अपने चेहरे से अपने मन की भावनाओं को छुपा नहीं सकता है.
क्रोध हमारे शत्रु के समान होता है. क्रोध वह तेज धार वाली तलवार की तरह होती है जो सब कुछ नष्ट कर देती है.
विनाश का समय नजदीक आने पर व्यक्ति को हर किसी की अच्छी सलाह भी बुरी लगती है.
मूर्ख व्यक्ति के साथ विनम्रता, छली इंसान के साथ प्रेम, कंजूस के साथ नीति और क्रोधी आदमी के साथ शांति की बातें करने का कोई मतलब नहीं होता है.
दूसरों के अधीन काम करने वाला व्यक्ति कभी भी सुख प्राप्त नहीं करता है.
ग्रंथों में सबसे बड़ा पाप दूसरों को दुख देने का पाप है. इसलिए कभी भी ऐसा कोई काम न करें जिससे कोई भी दुखी हो.