Apr 12, 2025, 09:21 AM IST

संजीवीनी बूटी लेकर लंका कितनी देर में लौटे थे हनुमान जी

Ritu Singh

हनुमान चालीसा में बजरंगबली के  उड़ने की गति बताई गई है और उसी अनुसार ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि द्रोणागिरी पर्वत जाने और लंका वापस आने में उन्हें कितना वक्त लगा होगा.

जब मेघनाथ ने लक्ष्मण जी को शक्ति बाण और ब्रह्मास्त्र का बाण चलाकर मूर्छित किया था तब सुषेण वैद्य ने संजीवनी बूटी मांगी थी. 

रात 9 बजे से 12 बजे तक लक्ष्मण और मेघनाद के बीच युद्ध हुआ था. जब मेघनाद द्वारा लक्ष्मण जी को बाण लगा तो वे रात के करीब 12 बजे मूर्छित हो गए थे. 

इसके बाद हनुमान जी सुषेण वैद्य को करीब रात्रि 1:00 बजे द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाने को कहा था.

करीब रात 1:30 बजे हनुमान जी 5 हजार किलोमीटर दूर हिमालय के द्रोणगिरि पर्वत से औषधि लाने निकले थे.

और करीब आधे घंटे उन्होंने औषधि ढूंढने में लगा दिया होगा, ऐसा अनुमान लगाया जाता है.

आधे घंटे का समय कालनेमि नामक राक्षस ने हनुमान जी भ्रमित करने में लगाया होगा और आधे घंटे का समय भरतजी द्वारा उनको नीचे गिराने में और वापस भेजने देने में लगा होगा. 

इसका मतलब है कि हनुमान जी को औषधि लाने के लिए आने-जाने में केवल 2 घंटे का समय मिला था. 

हनुमान जी केवल दो घंटे में ही द्रोणगिरी पर्वत हिमालय पर जाकर वापस पांच हजार किलोमीटर की यात्रा करके आये थे. 

 इस तरह से अनुमानित तौर पर उनके हवा में उड़ने की गति ढाई हजार किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी. 

 (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)