रामायण- महाभारत में किसने-किससे लिया था पूर्व जन्म में हुए अन्याय का बदला
Ritu Singh
रामायण और महाभारत में ऐसे की पात्र थे जिन्होंने अपने पूर्व जन्म का बदला लिया था.
अद्भुत बात ये है कि एक ने भगवान राम से बदला लेने के लिए महाभारत काल में जन्म लिया था तो ...
वही दो ने अपने ही काल में जन्म लिया था. चलिए जानें कौन थे ये वो 3 लोग जो बदला लेने के लिए जन्म लिये थे.
सुग्रीव और बाली के युद्ध में राम ने बालि को छुपकर मारा था. बालि को ये दंश था कि रामजी ने उन्हें छुपकर मारा था.
बालि अपने मन के दंश को मिटाने के लिए महाभारत काल में शिकारी जरा के रूप में जन्मा और कृष्ण को विषयुक्त तीर से जानवर समझ कर छुपकर मारा था.
रावण ने जंगल में भगवान विष्णु को पाने के लिए तपस्या कर रही वेदवती से जबरदस्ती की थी.
वेदवती ने इस दुख से रावण को श्राप दिया कि अगले जन्म में वह फिर किसी धर्मात्मा की पुत्री बन उसी मौत की वजह बनेगी.
रावण संहिता के अनुसार अगले जन्म में वेदवती ही सीता के रूप में जन्म ली और रावण के अंत की वजह भी.
भीष्म ने विचित्रबीर्य के लिए काशी नरेश की 3 पुत्रियों अम्बा, अम्बालिका और अम्बिका का हरण किया था.
अम्बा इससे दुखी होकर भीष्म से विवाह करने की मांग कर बैठी लेकिन भीष्म ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी.
जब अम्बा का प्रस्ताव भीष्म ने ठुकरा दिया तो अम्बा ने प्रतिशोध में कहा था आपने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया.
वह उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती, लेकिन वह पुरुष के रूप दोबारा जन्म लेगीऔर तब आपके अंत का कारण बनूंगी.
यही अम्बा प्राण त्यागकर शिखंडी के रूप में जन्म लेती है और भीष्म की मृत्यु का कारण बननी थी क्योंकि महाभारत में भीष्म के सामने शिखंडी आ गई और अर्जुन ने तीरों की वर्षा कर दी थी.