Mar 12, 2024, 09:23 AM IST

जानें रामायण से जुड़े ये 13 रहस्य, जिनसे अबतक दुनिया है अंजान

Anamika Mishra

आइए आज हम आपको रामायण से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बताते हैं.

रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है. यह मंत्र रामायण का सार है.

श्री राम के चार भाईयों के अलावा उनकी एक बहन भी थीं, जिनका नाम शांता था.

भगवान राम विष्णु के अवतार थे, लक्ष्मण शेषनाग के और भरत और शत्रुघ्न को भगवान विष्णु द्वारा धारण किए गए सुदर्शन-चक्र और शंख-शैल का अवतार माना जाता है.

राम-सीता स्वंयवर में जिस शिव धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई गई थी उसका नाम पिनाक था.

वनवास के 14 वर्षों के दौरान अपने भाई और भाभी की रक्षा करने के लिए लक्ष्मण कभी नहीं सोते थे इस कारण से उन्हें गुदाकेश के नाम से भी जाना जाता है.

जिस वन में राम, सीता और लक्ष्मण ने अपना वनवास बिताया था उस वन का नाम दंडकारण्य था.

रावण एक अच्छा वीणा वादक था, जिसके कारण उसके ध्वज में प्रतीक के रूप में वीणा बनी हुई थी.

इंद्र को इस बात से डर लगा कि कहीं कुम्भकर्ण वरदान में ब्रह्मा जी से इंद्रासन न मांग ले, तब उन्होंने देवी सरस्वती से अनुरोध किया कि वह कुम्भकर्ण की जिह्वा पर बैठ जाएं जिससे वह इन्द्रासन के बदले निद्रासन मांग ले. इस तरह कुम्भकर्ण को सोने का वरदान मिला.

माना जाता है कि रावण को पता था कि वह भगवान राम के हाथों मारा जाएगा और वह उनके हाथों से मरकर मोक्ष पाना चाहता था.

भगवान राम ने यम देवता को वचन दिया था कि उनकी बात के बीच अगर कोई आया तो  वह उसे मृत्युदंड देंगे. इसके बाद दुर्वासा ऋषि आए और राम से मिलने की बात कही, लक्ष्मण के मना करने पर उन्होंने अयोध्या को श्राप देने की बात कही. इसके बाद लक्ष्मण को अपना बलिदान देना पड़ा.

माना जाता है कि जब सीता जी पृथ्वी के अन्दर समाहित हो गईं तो उसके बाद भगवान राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेकर पृथ्वीलोक का परित्याग कर दिया था.

यह खबर सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.