Jan 12, 2024, 12:44 PM IST

जानें भंडारा और लंगर में क्या होता है अंतर 

Nitin Sharma

धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, भंडारा या लंगर पाना भगवान का आशीर्वाद और कृपा के रूप में देखा जाता है. कहा जाता है कि यह भाग्यशाली लोगों को ही प्राप्त होता है.

भंडारा और लंगर दोनों को ही भगवान के प्रसाद के रूप में बांटा जाता है, लेकिन इनमें फर्क क्या है. इसको लेकर अक्सर लोग असमंजस की स्थिति में रहते हैं. 

भंडारे और लंगर को लेकर लोगों की अपनी अपनी अलग राय होती है. कोई इसे धर्म से जोड़कर बताता है तो कोई प्रसाद से जोड़कर देखता है. 

वहीं ज्ञानी और जानकार लोगों की मानें तो भंडार और लंगर का मकसद और अर्थ एक ही है. सिर्फ इनके नाम अलग हैं.

हिंदू धर्म में भगवान के भोग प्रसाद को लोगों में बांटकर उनकी भूख मिटाने को भंडारा कहा जाता है. भंडारा विशेष अवसर पर किया जाता है.

सिख और पंजाबी धर्म में गुरुद्वारे में लंगर खिलाया जाता है. यह नियमित रूप से चलता है. इसे भी प्रसाद स्वरूप माना जाता है, जिससे लोगों की भूख मिटाई जा सकें.

भंडारा या लंगर में प्रयास किया जाता है कि कोई इसे पाने से अनुचित न रह सकें. सभी इसे ग्रहण करें. इनमें सिर्फ धर्मों के अनुसार नाम ही फर्क है.