Apr 14, 2024, 10:49 AM IST
कर्ण के इस अस्त्र से कांपते थे कृष्ण और अर्जुन
Smita Mugdha
महाभारत के युद्ध में सबसे पराक्रमी और वीर योद्धाओं में कर्ण का भी नाम आता है.
कर्ण की शक्ति में वीरता के अलावा उनके पास मौजूद कुछ दिव्य शक्तियां और अस्त्रों का भी हिस्सा था.
कर्ण की इन शक्तियों और विजय धनुष के बारे में कृष्ण और अर्जुन भी समझते थे कि इनके रहते उसे हराया नहीं जा सकता.
कर्ण के पास मौजूद दिव्य अस्त्रों में से एक था विजय धनुष जिसके रहते कर्ण को कोई हरा नहीं सकता था.
महाभारत के युद्ध में कर्ण का जब अर्जुन ने वध किया, तो वह विजय धनुष उनके पास नहीं था.
कर्ण के पास इंद्र की दी हुई वसावी शक्ति भी थी जिसे पांडवों ने घटोत्कच के वध के लिए चलाने पर विवश कर दिया था.
इन तीनों शक्तियों के अलावा कर्ण के पास अग्नेयास्त्र, पाशुपतास्त्र, रुद्रास्त्र, ब्रम्हास्त्र, ब्रम्हशिरास्त्रा, ब्रम्हाण्ड अस्त्र भी थे.
कौरव पक्ष से लड़ने के बाद भी कृष्ण ने ही कर्ण का अंतिम संस्कार किया था, क्योंकि वह भी पांडव ही थे.
महाभारत के वीर योद्धाओं में कर्ण का नाम भी आता है. वीरता के साथ ही वह अपनी दानवीरता के लिए भी जाने जाते हैं.
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