Dec 24, 2023, 08:57 AM IST

कुंडली में ये 5 योग रिश्तों में लाते हैं दरार, पति पत्नी में हो जाता है तलाक

Nitin Sharma

हिंदू धर्म में वैदिक ज्योतिष को बड़ी उपाधि दी जाती है. व्यक्ति के जन्म लेने के साथ ही कुंडली बन जाती है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र और योग व्यक्ति के करियर से लेकर उनके जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव, कारोबार, नौकरी, संतान और वैवाहिक जीवन का भेद खुल जाता है.

यहां हम बात करने जा रहे हैं ऐसे अशुभ योगों के बारे में जो वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति पैदा कर देते हैं.कुंडली में इन योगों के शक्तिशाली स्थिति में आने पर पति पत्नी के बीच दूरियां बन जाती है. 

गृह क्लेश और द्वेश की स्थिति बनती है. पति पत्नी में तलाक तक हो जाता है. आइए जानते हैं वो कौन से योग और ग्रहों की स्थिति है, जिसकी वजह से वैवाहिक जीवन में यह समस्या उत्पन्न होती है

अगर कुंडली में मंगल ग्रह नीच के स्थान पर हो और उसका संबंध सप्तम भाव से होता है. तो ऐसी स्थिति व्यक्ति को क्रोधित बनाती है. व्यक्ति के जीवन में तनाव ​की स्थिति पैदा होती है. पति पत्नी में झगड़ा होता है. साथ ही गृह क्लेश बनने लगता है. ग्रहों का यह योग पति पत्नी में तकरार से लेकर अलगाव की वजह बनता है.

ज्योतिष की मानें तो कुंडली में मंगल पहले, चौथ, सातवें या फिर आठवें और बारहवें स्थान में बैठकर हिकसी अन्य अशुभ ग्रह से जुड़ा हुआ है तो यह आपकी गृहस्थ जीवन को प्रभावित करता है. लग्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव में विराजमान हो और उस पर मंगल की दृष्टि हो तो अचानक अलगाव का योग स्थापित हो सकता है.

वैदिक ज्योतिष की मानें तो किसी भी व्यक्ति की कुंडली में छठे, आठवें या बारहवें भाव में ग्रहों की यह दशा विवाह में जीवन साथी से दरार और तलाक का कारण बन सकती है. 

कुंडली के पंचम और सप्तम भाव में राहु ग्रह की नीच दृष्टि पड़ती है तो यह भी तलाक की वजह बनती है. साथ ही प्रेम संंबंधों में असफलता हाथ लगती है. ऐसे लोगों के वैवाहिक जीवन में परेशानियां बनी रहती है. पति पत्नी में कभी नहीं बन पाती.