May 18, 2024, 02:40 PM IST

मां गंगा ने इस श्राप की वजह से पानी में बहा दिये थे अपने 7 पुत्र

Nitin Sharma

माता गंगा का विवाह राजा शांतनु से हुआ था. राजा शांतनु गंगा जी के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर आए थे.

इस पर गंगा जी राजी हो गई, लेकिन उन्होंने विवाह से पूर्व एक शर्त रखी कि मुझ से कोई सवाल नहीं करेंगे.

कभी भी किसी चीज को लेकर रोकेंगे टोकेंगे नहीं. राजा ने गंगा जी की ये बात मान ली और ​उनका विवाह हो गया. 

शादी के बाद जब शांतनु और गंगा के पहले पुत्र ने जन्म लिया तो राजा के चेहरे पर खुशी छा गई, लेकिन इससे पहले कि वह अपने पुत्र से मिल पाते. मां गंगा ने पुत्र को नदी में बहा दिया.

शांतनु इसकी वजह जानना चाहते थे, लेकिन मां गंगा के वचन से बंधे होने की वजह से कुछ नहीं पूछ पाये.

इसके बाद मां गंगा ने एक के बाद एक 7 पुत्रों को गंगा में बहा दिया. इस बार राजा शांतनु से रहा नहीं गया. 

आठवें पुत्र के जन्म पर राजा ने गंगा से पुत्रों को पानी में बहाने की वजह पूछी, तब मां गंगा ने बताया कि उनकी संतानों को श्राप लगा है.

मां गंगा की संतानों को ऋषि वशिष्ठ का श्राप था, ऋषि ने उन्हें मनुष्य योनि में जन्म लेकर दुख भोगने का श्राप दिया था, जबकि वो वसु थे. इस दुख से बचाने के लिए मां गंगा ने अपनी 7 संतानों को पानी में बहा दिया. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)