Jun 25, 2024, 06:29 AM IST

कुंती को मिले 1 वरदान से हुआ 5 पांडवों का जन्म

Nitin Sharma

महाभारत में कौरवों के जन्म को लेकर बताया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पांडवों का जन्म कैसे हुआ था.

पौराणिक कथा के अनुसार, कुंती के पुत्र पांच पांडवों का जन्म एक वरदान से हुआ था. 

कुंती के पांच पुत्र देवता थे. उन्हें पुत्रों के रूप में प्राप्त होने वाले सभी देवता ऋषि दुर्वासा से मिले वरदान से प्राप्त हुए थे. 

एक बार ऋषि दुर्वासा, माता कुंती की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए, तब ऋषि दुर्वासा ने कुंती को वरदान के रूप में एक मंत्र दिया. उस समय कुंती कुंवारी थी.

पांडु से शादी के बाद कुंती ने ऋषि दुर्वासा से मिले मंत्र का जाप किया. इसमें उन्होंने जिस देवता का ध्यान किया. पुत्र के रूप में उन्हें वही मिला. 

कुंती ने सबसे यम यानी धर्म के देवता का आह्वान किया तो धर्मराज युधिष्ठिर का जन्म हुआ. इसके बाद पवनदेव के मंत्र का जाप किया तो भीमसेन का जन्म हुआ. 

वहीं इंद्रदेव का ध्यान कर कुंती ने तीसरे पुत्र अर्जुन को प्राप्त किया. इसके बाद नकुल और सहदेव को प्राप्त किया.