May 7, 2024, 01:52 PM IST
बाण शैय्या पर भीष्म पितामह ने अर्जुन को दुख और सुख के बारे में बताई थी पते की बात
Smita Mugdha
भीष्म पितामह महाभारत के युद्ध में जब बाण शैय्या पर लेटे थे, तो उन्होंने पांडवों को जीवन सार समझाया था.
अर्जुन के मन में संशय और युद्ध से उपजे दुख को समझते हुए भीष्म ने उन्हें सुख और दुख को लेकर गहरी बात कही थी.
सुख के बारे में अर्जुन को भीष्म पितामह ने कहा था कि मूर्ख लोग आम तौर पर सुखी रहते हैं, क्योंकि विचार नहीं करते हैं.
इसी तरह से दुख के बारे में उन्होंने कहा था कि जो लोग फैसला नहीं लेते और बीच में लटके रहते हैं वो हमेशा दुखी रहते हैं.
सुख के बारे में अर्जुन को समझाते हुए पितामह ने कहा था कि सत्य के मार्ग पर चलते हुए सही फैसला लेने में निजी नहीं सामाजिक सुख होता है.
इस तरह से भीष्म पितामह ने युद्ध के बीच अर्जुन के मन में उठ रहे संशयों का समाधान किया था और मार्ग स्पष्ट किया.
18 दिन तक चले महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह 10वें दिन ही युद्ध के दौरान अर्जुन के बाणों की शय्या पर लेट गए थे.
भीष्म पितामह पूरे 58 दिनों तक मृत्यु शय्या पर रहे और माघ शुक्ल पक्ष में सूर्य के उत्तरायण होने पर अपना शरीर त्यागा था.
शरीर त्याग करने से पहले पितामह ने अपने प्रिय पांडवों को जीवन को लेकर महत्वपूर्ण ज्ञान दिया था.
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