Sep 3, 2024, 09:30 PM IST
तांबे के बर्तन में ही द्रौपदी क्यों पकाती थी खाना?
Smita Mugdha
दुर्योधन की दुष्टता और शकुनि की कुटिल चालों की वजह से द्रौपदी और पांडव भाइयों को वनवास में रहना पड़ा था.
द्रौपदी और पांडवों के लिए वनवास का जीवन बेहद कठिन था, लेकिन इस दौरान उन्हें देवताओं से कई वरदान भी मिले थे.
क्या आप जानते हैं कि वनवास के दौरान पांडवों के लिए द्रौपदी हमेशा सिर्फ तांबे के ही बर्तन में खाना पकाती थीं.
द्रौपदी को सूर्य देव ने वरदान के तौर पर तांबे का एक बर्तन अक्षय पात्र दिया था, जिसकी अपनी खासियत थी.
इस अक्षय पात्र को देते हुए सूर्यदेव ने वरदान दिया था कि द्रौपदी इसमें खाना पकाएंगी तो भोजन की कमी नहीं होगी.
एक बार जब सभी पांडव रात में खाना खा चुके थे और भोजन खत्म हो गया था तब दुर्योधन ने दुष्टता से दुर्वासा ऋषि को उनके पास भेज दिया था.
दुर्योधन को लगा था कि पांडव भोजन नहीं होने की वजह से ऋषि का सत्कार नहीं कर पाएंगे और वह क्रोधित होकर श्राप देंगे.
हालांकि, अक्षय पात्र की वजह से द्रौपदी को भोजन की कमी नहीं हुई और पांडवों की आवभगत से दुर्वासा ऋषि प्रसन्न होकर लौटे थे.
यही वजह है कि वनवास में रहने के बावजूद भी द्रौपदी का पकाया हुआ भोजन कभी भी पांडवों के लिए कम नहीं पड़ा था.
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