महाभारत में सबसे सुंदर और बलशाली महिलाओं में द्रौपदी का नाम सबसे पहले आता है.
द्रौपदी राजा द्रपुद की बेटी और पांच पांडवों की पत्नी थी. उनके पिता ने बेटे की कामना के लिए हवन किया था, जिससे बेटे के साथ ही उन्हें कन्या के रूप में द्रौपदी प्राप्त हुई.
धार्मिंक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी दिव्य कन्या थी. इसकी वजह उन्हें कई ऐसे वरदान प्राप्त थे, जो सिर्फ उन्हीं के पास थे.
भगवान श्रीकृष्ण उनके मित्र और भाई जैसे थे. उन्हीं से द्रौपदी को पांच पतियों की पत्नी का धर्म निभाते हुए भी कुंवारी बने रहने का वरदान प्राप्त था.
द्रौपदी इतनी साहसी थी कि जब भरी सभा में उनका चीरहरण किया जा रहा था. तब सभी पांडव चुप थे, लेकिन द्रौपदी ने सभा में बैठे भीष्म पितामह से लेकर द्रोणाचार्य और कृपाचार्य को ललकार दिया था.
बताया जाता है कि द्रौपदी को पांच पांडवों में सबसे ज्यादा भीम से लगाव था. भीम ने उनका हर पाल साथ दिया था.
पौराणिक कथा के अनुसार, द्रौपदी के पिता राजा द्रपुद ने उनके जीवन में कष्ट मांगे थे, लेकिन वह कही भी समस्या और कष्टों के सामने झुकी नहीं.
द्रौपदी पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा थी. यही वजह है कि उन्हें कई ऐसे कई वरदान प्राप्त थे, जो उन्हें दिव्य बनाते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)