Mahabharat: पांडवों के मामा ने युद्ध में क्यों दिया दुर्योधन का साथ?
Aditya Prakash
महाभारत के युद्ध में पांडवों के मामा राजा शल्य ने दुर्योधन का साथ दिया था.
मद्र नरेश शल्य राजा पांडु की दूसरी पत्नी माद्री के भाई थे, साथ ही वो नकुल और सहदेव के सगे मामा थे.
दरअसल शल्य से दुर्योधन ने धोखे में एक वादा ले लिया था, जिसके कारण मामा शल्य को कौरवों की तरफ से युद्ध में मजबूरन शामिल होना पड़ा.
हुआ ये था कि पांडवों और कौरवों में युद्ध की घोषणा होते ही शल्य अपने भांजों के समर्थन में सेना के साथ हस्तिनापुर आ रहे थे.
इसी बीच दुर्योधन ने बड़ी ही धूर्तता के साथ शल्य और उनकी सेना के लिए के लिए एक से बढ़कर एक व्यवस्था कर दी.
इससे खुश होकर शल्य ने कहा कि 'दुर्योधन, मैं ये देखकर बहुत खुश हुआ, मांगों आज तुमको मुझसे जो भी मांगना है. मैं वादा करता हूं कि उसे पूरा करूंगा.'
दुर्योधन ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप युद्ध में कौरवों का साथ दें. राजा शल्य ने वचन दे दिया था तो वो मुकर नहीं सकते थे. इसलिए उन्हें कौरवों की ओर से लड़ना पड़ा था.