महाभारत में कौरवों के इस योद्धा को मारने पर पांडवों को हुआ था दुख
Nitin Sharma
द्वापर युग में कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत युद्ध हुआ था. जिसमें पांडवों ने कौरवों का वध कर जीत हासिल की थी.
इस युद्ध में धृतराष्ट्र के 100 पुत्रों समेत कौरवों के लाखों योद्धा और सैनिक मारे गए थे.
लेकिन कौरवों में एक योद्धा ऐसा भी था, जिसको मारने के बाद भीम समेत सभी पांडवों को दुख हुआ था.
युद्ध में पांडवों को धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्रों में से एक विकर्ण के मरने पर बहुत दुख हुआ था. विकर्ण बहुत ही बलवान और महारथी था.
इसकी वजह द्रौपदी चीरहरण था. इसमें कौरवों की तरफ से वह अकेला ऐसा योद्धा था, जिसने द्रौपदी के चीरहरण का विरोध किया था. इसके साथ ही विकर्ण न्यायप्रिय और विवेकशील पुरुष था.
विकर्ण कौरवों की तरफ से एक ऐसा अकेला योद्धा था, जिसने द्रौपदी के चीरहरण का विरोध किया था. उसने अपने भाई दुर्योधन के गलत फैसलों के खिलाफ आवाज भी उठाई थी.
दुर्योधन जब द्रौपदी के चीरहरण के लिए आगे बढ़ा तो विकर्ण ने उसे रोकते हुए कहा था कि द्रौपदी का चीरहरण करने पर भविष्य में बुरे परिणाम भुगतने होंगे. वह इसे रोकना चाहता था और इसके लिए प्रयास किया.
इसबीच दुर्योधन ने विकर्ण की बात को अनसुना कर भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण किया.