Dec 11, 2023, 12:15 PM IST

महाभारत युद्ध में जानें किस दिन हुई थी कर्ण की मृत्यु

Nitin Sharma

जब भी महाभारत युद्ध की बात की जाती है तो कर्ण का जिक्र जरूर होता है. कर्ण योद्धा होने के साथ ही बड़े दानवीर थे. सब कुछ जानते हुए भी कर्ण ने मित्रतावत युद्ध में कौरवों का साथ दिया था.

द्वापर में कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध पूरे 18 दिनों तक चला था. 

इसमें करोड़ों सैनिक और योद्धाओं की मृत्यु हुई थी. जिस जगह पर यह युद्ध हुआ था. वहां आज भी मिट्टी का रंग लाल है.

महाभारत युद्ध में पांडवों की तरफ भगवान श्रीकृष्ण तो कौरवों की तरफ दानवीर कर्ण थे. 

भगवान श्रीकृष्ण भी जानते थे कि कर्ण के होते हुए कौरवों को हराना मुश्किल है. इसी वजह से उन्होंने कर्ण को पांडवों की तरफ से युद्ध में उतरने को कहा था, लेकिन कर्ण ने दोस्ती की हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया.

महाभारत के युद्ध में जब ज्यादातर कौरवों की मृत्यु हो चुकी थी. तब भी अर्जुन के सामने कर्ण टीके हुए थे. इसकी वजह कर्ण के पास दिव्य अस्त्र का भी होना था.

कर्ण ने दिव्य अस्त्र अर्जुन के लिए बचाकर रखा हुआ था, लेकिन जब भीम का पुत्र घटोत्कच कौरवों की सेना पर कहर ढा रहा था. तब कर्ण को मजबूरन अपना दिव्य अस्त्र चलाना पड़ा. 

श्रीकृष्ण ने युद्ध के 17वें दिन अर्जुन को बताया कि कर्ण का दिव्य अस्त्र खत्म हो चुका है. अब तुम्हें कोई खतरा नहीं है. इसी दौरान जैसे ही कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंसा अर्जुन ने कर्ण पर वार कर दिया, जिससे कर्ण की मृत्यु हुई.