May 12, 2024, 09:34 AM IST

महाभारत के ये 5 योद्धा महापाप के भागी बने थे

Ritu Singh

महाभारत के कई ऐसे भी पात्र हैं जिनके पाप उस तरह से सामने नहीं आए जैसे दुर्योधन और शकुनि के आए थे.

आज आपको महाभारत के कुछ नामी योद्धाओं के बारे में बताएगे जिनसे किसी मजबूरी में ही सही कुछ न कुछ पाप जरूर हुए थे.

भीष्म : पितामह से उनके जीवन काल में न चाहते हुए भी कई पाप हुए थे. भीष्म ने अम्बा,अम्बिका और अम्बालिका का स्वयंवर से अपहरण किया था. 

 साथ ही वह द्रौपदी के चीरहरण पर चुप रहकर पाप के भागी बने थे .इनके आलावा उन्होंने पांडवों को अपनी मृत्यु का राज़ बता दिया. जिससे धर्मग्रंथों में युद्ध के नियम के हिसाब घोर पाप माना गया है .

दुर्योधन महाभारत का एक ऐसा पात्र था जिससे कभी भी धर्मपरायण नहीं माना गया . दुर्योधन ने अपने जीवन काल में पाप ही पाप किए थे.

भीम को जहर देने से लेकर लाक्षागृह में पांडवों को जलाकर मारने की साजिश, छलपूर्वक पांडवों से राज छीनने से लेकर द्रौपदी के चीरहरण जैसे कई पाप उसने किए थे. 

गुरु द्रोण पर पुत्र और शिष्य मोह का पाप था. पुत्र मोह में ही द्रोणाचार्य कुरुक्षेत्र से युद्ध छोड़कर चले गए थे. अश्वश्थामा के समझाने पर पुनः कुरुक्षेत्र में वापस आए और अंत में पुत्र मोह में ही उनके प्राण गए.

 द्रौपदी चीरहरण के समय चुप रहना और अर्जुन के लिए  एकलव्य से अंगूठा गुरुदक्षिणा के साथ ही अभिमन्यु वध में कौरवों का साथ देने का भी उनपर पाप था.

धर्मराज युधिष्ठिर वर कुरुक्षेत्र में गुरु द्रोणाचार्य को अश्वश्थामा के वध की झूठी सूचना देने का एक मात्र पाप था. जिस कारण युधिष्ठिर को कुछ समय के लिए नर्क में रहना पड़ा था.

अश्वश्थामा पर पिता द्रोणाचार्य के शिक्षा पर संदेह करने, पांडव के पांचों पुत्रों हत्या और अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की कोख पर ब्रह्मास्त्र चलाने जैसा अपराध था.