Nov 27, 2023, 02:30 PM IST

छल से मारे गए थे महाभारत के ये 5 महायोद्धा

Ritu Singh

धर्म और अधर्म बीच लड़ा गया युद्ध महाभारत में करोड़ों योद्धा ने जान गवाया था लेकिन कुरुक्षेत्र में कुछ दमदार यौद्धाओं को छल से भी मारा गया था.

भीष्म पितामह-छल से मारे गए योद्धा भीष्म पितामह भी शामिल थे. 18 दिनों तक चले इस युद्ध में भीष्म 9 दिनों तक पांडवों के लिए परेशानी का कारण बन थे. भीष्म को पराजित किए बिना पांडवों का जीतना मुश्किल था इसलिए श्री कृष्ण की सलाह पर अर्जुन ने श्रीखंडी को युद्ध के 10वें दिन भीष्म के सामने खड़ा कर दिया और बाणों की वर्षा कर दी. उसके बाद भीष्म ने बाणों की शय्या पर लेट गए और महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद अपने प्राण त्याग दिए.

द्रोणाचार्य-गुरु द्रोणाचार्य को महाभारत युद्ध में मारने के लिए पांडवों एक बार फिर श्री कृष्ण की सलाह पर छल का सहारा लिया. श्री कृष्ण ने भीमसेन से कहा की वह अश्वत्थामा नाम के हाथी को मारकर जोर-जोर से चिल्लाएं कि उन्होंने अश्वत्थामा को मार दिया. द्रोणाचार्य  पुत्र का नाम भी अश्वत्थामा  था. ऐसा सुनते ही गुरु द्रोण अस्त्र-शस्त्र त्यागकर जमीन पर बैठ गए. इसी बीच दृष्टद्युम ने तलवार से द्रोणचार्य के सर को धड़ से अलग कर दिया.

कर्ण-अंगराज कर्ण का रथ का पहिया जब युद्ध करते समय जमीन में धंस गया और कर्ण अपने रथ का पहिया निकालने लगा तब श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा की यही वह मौका है जब वह अंगराज कर्ण का वध कर सकते हैं. श्री कृष्ण भी जानते थे कि कर्ण ऐसा योद्धा है जिसे केवल छल से ही पराजित किया जा सकता था और मौका देखकर अर्जुन ने अंगराज कर्ण का वध कर दिया.

दुर्योधन-महाभारत युद्ध के अंतिम योद्धा दुर्योधन का वध भी पाण्डवों ने छल पूर्वक ही किया था.महाभारत युद्ध के अंतिम दिन भीम और दुर्योधन में गदा युद्ध हुआ. इस युद्ध में गदा का प्रहार कमर से ऊपर करने का नियम था लेकिन भीम ने श्री कृष्ण के संकेत पर दुर्योधन के कमर के निचे वार करना शुरू कर दिया. और इस तरह पांडवों ने दुर्योधन का वध भी छलपूर्वक किया. 

जयद्रथ-अभिमन्यु को मरनेवालों में दुर्योधन के बहनोई जयद्रथ को मारने के लिए  श्री कृष्ण ने अपनी माया से सूर्य को ढंक दिया जिससे चारों ओर अंधेरा छा गया. ये देखा जयद्रथ समेत कौरवों ने समझा की शाम हो गयी और तभी जयद्रथ अर्जुन के सामने आ गया. उसके बाद श्री कृष्ण की माया से आसमान में फिर से सूर्य की किरणें दिखने लगी और कृष्ण का इशारा मिलते ही अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया.

महाभारत में ये महारथी ऐसे थे जिन्हे मारना आसान नहीं था परन्तु फिर भी वो मारे गए क्योंकि हर किसी की कमजोरी पर वार किया गया था.