महाभारत काल में द्रोपदी के अलावा पांच पांडवों की अलग-अलग पत्नियां थीं.
इसी के साथ ही द्रोपदी के अलावा अर्जुन की भी अन्य पत्नियां थीं, जिनका जिक्र महाभारत में मिलता है.
श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा अर्जुन की दूसरी पत्नी थीं. अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा का पुत्र था.
अर्जुन जब जंगल में भटक रहे थे उस दौरान उनकी मुलाकात उलूपी नाम की एक नाक कन्या से हुई.
इसके बाद अर्जुन ने उलूपी का प्रेम स्वीकार कर लिया और दोनों के संबंध के बाद इरावन नाम के पुत्र का जन्म हुआ.
मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा पर अर्जुन अपना दिल हार बैठे और उनसे विवाह किया. इसके पश्चात दोनों को एक पुत्र हुआ जो बब्रुवाहन कहलाया.
लेकिन अर्जुन ने स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी का प्रेम स्वीकार नहीं किया. इसके लिए अर्जुन को श्राप भी सहना पड़ा था.
माना जाता है कि अर्जुन ने उनके साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया क्योंकि जब वो स्वर्ग गए थे तो उनके पूर्वज ने उसके साथ यौन संबंध बनाए थे. अर्जुन ने कहा, 'मैं आप में मां देखता हूं.'
अर्जुन के इनकार से उर्वशी के अहंकार को ठेस पहुंची और उन्होंने तुरंत श्राप दे दिया कि अर्जुन किन्नर बन जाए.