May 14, 2024, 09:58 AM IST
महाभारत में अपने ही बेटे के अमरत्व के श्राप का कारण बन गया था ये पिता
Ritu Singh
महाभारत में अकेले धृतराष्ट्र ही पुत्र मोह में दुर्योधन समेत पूरे कौरव वंश के नाश का कारण नहीं बने थे,
बल्कि एक और पिता भी ऐसा था जिसके मोह के कारण उसके बेटे को अमरत्व का वरदान नहीं श्राप मिला था.
ये पिता कोई और नहीं, बल्कि गुरु द्रोणाचार्य थे और बेटा अश्वत्थामा था जिसे आजीवन अमर रहने का श्राप मिला है.
असल में अगर द्रोण की गलती ये थी कि उन्होंने अपने शिष्य कौरव और पांडवों से ज्यादा शिक्षा बेटे अश्वत्थामा को दी थी.
अश्वत्थामा दिन ही नहीं, रात में भी अस्त्रों का प्रयोग करना जानता था जबकि इस शिक्षा से कौरव-पांडव वंचित थे.
वहीं जब द्रोण ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करना सबको सीखा रहे थे अश्वत्थामा उस वक्त ब्रम्हास्त्र को वापस लेने का मंत्र नहीं सीखा था,
अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र चलाना तो सीख लिया, लेकिन लौटाने की विधि नहीं सीखी. उसने सोचा गुरु तो उसके पिता ही हैं, कभी भी सीख सकता है.
द्रोणाचार्य ने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन इसका खामियाजा अश्वथामा को भुगतना पड़ा,
महाभारत युद्ध के बाद जब अर्जुन और अश्वत्थामा ने एक-दूसरे पर ब्रह्मास्त्र चलाया तो वेद व्यास के कहने पर अर्जुन ने अपना ब्रह्मास्त्र लौटा लिया लेकिन
अश्वत्थामा ऐसा नहीं कर पाया और उत्तरा के बेट में पल रहे बच्चे की ओर ये ब्रम्हास्त्र छोड़ दिया,
इस कारण अश्वथामा को श्रीकृष्ण से शाप मिला, उसकी मणि निकाल ली गई और कलियुग अंत तक धरती पर भटकने के लिए छोड़ दिया गया,
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