Feb 29, 2024, 09:05 PM IST
कौरवों-पांडवों के दादा विचित्रवीर्य को संतान नहीं होने पर सौतेले भाई महर्षि वेदव्यास के जरिए उनकी पत्नी अंबालिका ने पांडु और अंबिका ने धृतराष्ट्र को जन्म दिया था. वेदव्यास दासी के संपर्क में आए तो महर्षि विदुर का जन्म हुआ.
यह भी दावा है कि महाभारत के अनुसार वेदव्यास के कारण गांधारी ने गर्भधारण किया. उन्होंने 99 पुत्र और एक कन्या को जन्म दिया तो धृतराष्ट्र का 99 कौरवों से क्या संबंध था?
कथाओं में उल्लेख है कि पांडवों की मां कुंती किसी भी देवता का आह्वान करके संतान प्राप्त कर सकती थीं.
कुंती ने देवताओं का आह्वान करके ही युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम को जन्म दिया जबकि माद्री ने अश्विन कुमार के साथ समागम करके नकुल और सहदेव को जन्म दिया था.
महाभारत में द्रौपदी ने पांच पांडव भाइयों से शादी की थी और सभी को उनसे एक-एक पुत्र पैदा हुए.
अर्जुन की मां कुंती श्रीकृष्ण की बुआ थीं, फिर भी वे श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा से विवाह कर उनके जीजा बन गए थे. जबकि बलराम सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करना चाहते थे, तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुभद्रा का हरण करने की सलाह दी.
श्रीकृष्ण की एक पत्नी जामवंती के पुत्र सांब ने दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से विवाह किया था. इस तरह दुर्योधन-श्रीकृष्ण एक-दूसरे के समधी थे.
बलराम की बहन और अर्जुन की पत्नी सुभद्रा के बेटे अभिमन्यु की पत्नी वत्सला बलराम की बेटी थी और थी. अब सोचिए सुभद्रा बलराम के बीच क्या रिश्ता था?
धृतराष्ट्र के एक दासी से संबंध बनने पर उनके बेटे युयत्सु का जन्म हुआ था और युयत्सु ने आखरी समय पर कौरवों का नहीं पांडवों का साथ दिया था.
अर्जुन के बेटे इरावन ने पिता की जीत के लिए खुद की बलि दी थी. उसकी शादी करने की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए श्रीकृष्ण ने मोहिनी का रूप धारण किया था.
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