Jul 5, 2024, 12:29 PM IST
Mahabharata Secrets Revealed: रणभूमि में ये थे कौरवों के सेनापति
Anurag Anveshi
पांडवों सेना में शुरू से अंत तक धृष्टद्युम्न सेनापति की भूमिका निभाते रहे. पर कौरव सेना में कुल 5 सेनापति हुए.
कौरव सेना में महाभारत युद्ध के पहले दिन प्रधान सेनापति के रूप में भीष्म पितामह को नियुक्त किया गया था.
भीष्म ने 10 दिनों तक नेतृत्व किया. 10वें दिन तक पांडव सेना को खूब नुकसान पहुंचाया, फिर शरशैय्या पर सो गए.
भीष्म के बाद द्रोणाचार्य ने संभाली कौरव सेना की कमान. सेनापति बनने के तीसरे दिन ही उन्होंने चक्रव्यूह रचना की.
इसी चक्रव्यूह में एकलव्य को घेरकर मारा गया था. इसके अलावा द्रोण ने द्रुपद, विराट आदि महारथियों का वध किया.
15वें दिन द्रोणाचार्य का वध धृष्टद्युम्न ने छल से किया. द्रोण की मृत्यु के बाद कर्ण ने प्रधान सेनापति की कमान संभाली.
कर्ण ने दो दिन तक भयानक संग्राम किया. 17वें दिन कर्ण का रथ का धंस गया. तब अर्जुन ने दिव्यास्त्र से उनका वध कर दिया.
कर्ण की मौत के बाद सेनापति के रूप में मद्रनरेश शल्य नियुक्त किए गए. वे रिश्ते में नकुल सहदेव के मामा थे.
शल्य के बहनोई थे महाराज पांडु. युद्ध के 18वें दिन पहले पहर में ही युधिष्ठिर के हाथों शल्य भी मारे गए.
दुर्योधन भीम के हाथों घायल हो मरणासन्न थे. तब उन्होंने अपने रक्त से अश्वत्थामा का तिलक कर सेनापति बनाया था.
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