Jul 6, 2024, 07:31 PM IST
महाभारत के इस योद्धा के सिर पर मणि का क्या था राज?
Smita Mugdha
महाभारत के युद्ध में कई पराक्रमी योद्धा थे जिन्हें उनके खास गुणों की वजह से देवताओं और ऋषियों से वरदान मिला था.
द्रोणाचार्य के पुत्र और महावीर अश्वत्थामा की वीरता का लोहा पांडव पक्ष के लोग भी मानते थे.
अश्वत्थामा के बारे में एक मान्यता यह भी है कि वह शिवजी के साक्षात अंश थे और उनके सिर पर मणि था.
द्रोणाचार्य और कृपी के पुत्र के रूप में जन्म लेने के कारण अश्वत्थामा को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है.
अश्वत्थामा का जन्म उनके माथे पर एक पवित्र मणि के साथ हुआ था, जो कि बेहद चमत्कारी था.
माथे पर मौजूद मणि ने ही उन्हें मनुष्यों से लेकर छोटे प्राणियों पर विजय की शक्ति प्रदान की थी.
शिवजी का अवतार होने की वजह से ही उन्हें बीमारी, बुढ़ापे, भूख, प्यास और यहां तक कि हथियार और अस्त्र भी उन पर बेअसर थे.
भगवान कृष्ण ने उत्तरा के अजन्मे बच्चे को मारने की कोशिश करने के बाद अश्वत्थामा को अमरता का श्राप दिया था.
ऐसा माना जाता है कि अश्वत्थामा अभी भी नर्मदा घाट पर रहते हैं और उस इलाके में आज भी वह घूमते रहते हैं.
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