वो श्राप जिसकी वजह से भीष्म पितामह को मिली थी बाणों की शैय्या
Aditya Katariya
महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह 18 दिनों तक बाणों की शय्या पर लेटे रहे थे.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें यह पीड़ा क्यों सहनी पड़ी? आइए यहां जानें.
महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद भीष्म पितामह ने श्री कृष्ण से पूछा कि उन्हें यह पीड़ा क्यों सहनी पड़ी.
महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद भीष्म पितामह ने श्री कृष्ण से पूछा कि उन्हें यह पीड़ा क्यों सहनी पड़ी.
उस समय वे युवराज थे और शिकार करके लौट रहे थे तो रास्ते में उनके रथ पर एक करकैंटा गिर गया था.
भीष्म ने उसे अपने बाण से दूर फेंक दिया और करकैंटा कांटों की झाड़ी में जा गिरा. 18 दिनों तक वहीं फंसा रहा था.
इस दौरान उसकी पीठ में कई कांटे घुस गए और वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मरने से पहले उन्होंने भीष्म को श्राप दिया कि एक दिन उन्हें भी इसी तरह पीड़ा सहनी पड़ेगी.
वहीं, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि द्रौपदी के चीरहरण के समय चुप रहने और उसका अपमान नहीं रोकने की वजह से भी भीष्म पितामह को बाणों की शय्या मिली थी.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.