श्रीराम को 14 साल का ही क्यों मिला था वनवास, जानिए इसकी वजह
Nitin Sharma
अयोध्या में 22 जनवरी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस मौके पर देश और दुनिया भर के राम भक्त उत्साहित हैं.
देश भर में राम नाम की चर्चा चल रही है. श्री राम की कथा से लेकर उनकी जीवन की हर छोटी बड़ी बात सामने आ रही है.
इस बीच बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिरी श्री राम को 14 साल का ही वनवास क्यों दिया गया था. यह 10, 12 या 13 साल का क्यों नहीं था.
यह तो हर कोई जानता है कि भगवान श्री राम के लिए कैकेयी ने राजा दशरथ से 14 साल का वनवास मांगा था.
दासी मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी ने श्री राम के लिए 14 साल का वनवास और भरत के लिए राजगद्दी मांग ली.
दशरथ ये वचन देते वक्त बेहद दुखी थे, लेकिन वचनबद्ध होने की वजह से वह कुछ नहीं कर सके.
कैकेयी ने श्री राम के लिए 10, 12 या 13 नहीं बल्कि 14 साल के वनवास प्रशासनिक नियम के हिसाब से मांगा था.
त्रेतायुग में नियम था कि यदि कोई राजा अपनी गद्दी को 14 साल तक छोड़ देता है तो वह राजा बनने का अधिकार खो देता है. यही वजह रही कि कैकेयी ने श्री राम के लिए पूरे 14 वर्ष का वनवास मांगा था.
श्री राम को वनवास तो मिल गया, लेकिन कैकेयी को बेटे भरत ने गद्दी पर बैठने से इनकार कर मां की इस चालक को कामयाब नहीं होने दिया.