Jan 23, 2024, 05:49 PM IST

माता वैष्णो देवी कैसे प्रकट हुईं? जानें रहस्य

Abhay Sharma

जम्मू में कटरा से करीब 14 किमी की दूरी पर त्रिकुटा पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी का मंदिर देश के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं. 

 मान्यता है कि मंदिर का निर्माण करीब 700 साल पहले पंडित श्रीधर द्वारा कराया गया था. बता दें कि श्रीधर एक ब्राह्मण पुजारी थे और श्रीधर व उनकी पत्नी माता रानी के परम भक्त थे. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता वैष्णो देवी ने एक बार श्रीधर को सपने में दिव्य दर्शन देकर भंडारा करने का आदेश दिया, ऐसे में आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह आयोजन की चिंता करने लगे.  

अगले दिन सब किस्मत पर छोड़ श्रीधर ने गांव वालों को अपने घर भंडारे में आने का निमंत्रण दिया. लेकिन, श्रीधर भंडारे की तैयारी नहीं कर पाए तब माता वैष्णो देवी एक छोटी सी कन्या का रूप लेकर प्रकट हुईं और उनकी कुटिया में पधार कर उनके साथ भंडारा तैयार किया. 

सभी गांव वाले भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने लगे. लेकिन, भंडारे में उपस्थित भैरवनाथ ने मांसाहार खाने की इच्छा जाहिर की. ऐसे में माता के रूप में वहां उपस्थित छोटी कन्या ने श्रीधर की ओर से ऐसा करने से इनकार कर दिया. ऐसे में भैरवनाथ यह अपमान सह नहीं पाया और दिव्य लड़की को पकड़ने की कोशिश करने लगा.  

लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा और दिव्य कन्या गायब हो गई. इस घटना से श्रीधर को बहुत दुख हुआ और बाद में उन्होंने माता रानी के दर्शन करने की लालसा जताई. 

भक्त की पुकार सुन माता वैष्णो देवी ने श्रीधर को सपने में दर्शन दिए और उन्हें त्रिकुटा पर्वत पर एक गुफा का रास्ता दिखाया, जिसमें उनका एक प्राचीन मंदिर है. इसके बाद श्रीधर ने वहां जाकर माता रानी का दर्शन प्राप्त किया. तब से यह स्थान दुनियाभर में माता वैष्णो देवी के नाम से जाना जाने लगा.