Jan 15, 2024, 02:52 PM IST
वृंदावन के बंदर श्रद्धालुओं के सामान छीनकर क्यों हो जाते हैं छूमंतर
Anurag Anveshi
भारतीय धर्म कथाओं में वानरों की भूमिका बड़ी रही है. भगवान राम को लंका पर वानर सेना ने ही जीत दिलाई थी.
उत्तर प्रदेश के कई धर्मस्थलों पर उत्पात करते बंदरों का जमावड़ा देखा जा सकता है.
भगवान कृष्ण की जन्भूमि मथुरा में देश-विदेश से हर रोज सैकड़ों तीर्थयात्री पहुंचते हैं.
मथुरा के वृंदावन में आए देश-विदेश के श्रद्धालुओं को सबसे पहले वहां के बंदरों का सामना करना पड़ता है.
मथुरा के वृंदावन में इन बंदरों को कहीं भी देखा जा सकता है, ये बंदर किसी का पर्स तो कहीं किसी का चश्मा छीन लेते हैं.
लोकआस्था है कि वृंदावन में कोई भी पशु-पक्षी साधारण जीव नहीं है. बल्कि सब साधु महात्मा हैं.
कहते हैं इन साधु महात्माओं को अपने पिछले जन्म के कर्मों के हिसाब से वृंदावन में जन्म मिला है.
कहा जाता है कि जो श्रद्धालु घमंड, पैसा, दौलत-शोहरत का प्रदेर्शन करते हैं, बंदर उन्हीं को सताते हैं.
बांके बिहारी के भक्त कहते हैं कि इन बंदरों से सामान वापस लेने के लिए खाने-पीने के पैकेट देने पड़ते हैं.
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