Jan 16, 2024, 12:12 PM IST

राम नाम तो एक है, पर हैं इसके कई अर्थ, जानें 10

Anurag Anveshi

तैत्तरीय आरण्यक नाम के ग्रंथ में राम शब्द का अर्थ है पुत्र. इसके श्लोकों में पुत्र के लिए राम शब्द का इस्तेमाल है.

ब्राह्मण संहिताएं कहती हैं 'रमन्ते सर्वत्र इति रामः'. हिंदी में इसका अर्थ है 'जो सभी जगह रमा हुआ है वो राम है'.

संस्कृत व्याकरण और शब्दकोश कहते हैं 'रमन्ते' का अर्थ राम है. अर्थात जो सुंदर है, दर्शनीय है, वो राम है.

मनोज्ञ शब्द को भी राम से जोड़ा जाता है. मनोज्ञ का अर्थ है मन को जानने वाला. जो मन को जानता है वो राम है.

हिंदी व्याख्याकार राम का अर्थ बताते हैं 'जो आनंद देने वाला हो, संतुष्टि देने वाला हो, वही राम है.'

कुछ विद्वानों की व्याख्या है कि भरत धर्म के, शत्रुघ्न अर्थ के, लक्ष्मण काम के और राम मोक्ष के प्रतीक हैं.

र+आ+म=राम. र से रसातल, आ से आकाश, म से मृत्युलोक. पाताल, आकाश और धरती के स्वामी यानी राम.

'रम्' धातु में 'घञ्' प्रत्यय के योग से 'राम' बना है. 'रम्' यानी रमण (निवास). प्राणियों के हृदय में निवास करने वाले राम हैं.

जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य कहते हैं 'रमन्ते कणे कणे इति रामः' यानी जो कण-कण में व्याप्त हैं वो राम हैं.

विष्णुसहस्रनाम पर अपने भाष्य में आदि शंकराचार्य ने कहा है कि नित्यानंदनस्वरूप भगवान में योगिजन रमण करते हैं, इसलिए वे 'राम' हैं.