Dec 26, 2023, 10:16 AM IST

ये अमेरिकी डॉक्टर बाबा नीम करौली का क्यों बना था भक्त

Ritu Singh

हार्वर्ड साइकेडेलिक खोजकर्ता डॉ. रिचर्ड अल्परट को हिमालय की तलहटी में एक हिंदू गुरु बाबा नीम करौली ने राम दास में बदल दिया था.

भारत में आध्यात्मिक प्रेरणा पाने से पहले, बाबा राम दास, जिन्होंने हार्वर्ड के साथी अकादमिक टिमोथी लेरी के साथ साइकेडेलिक दवाओं को लोकप्रिय बनाकर 1960 के दशक में अजूबा किया था.

हालांकि आपको जानकर आश्चर्य होगा की  डॉ. रिचर्ड अल्परट यानी रामदास एक समय खुद अवसाद ग्रस्त हो गए थे और वह ड्रग्स लेने लगे थे , लेकिन शांति की तलाश उन्हें भारत लाई और यहां आकर वह नीम करौली बाबा से मिले और एक चमत्कार देख उनके भक्त बन गएं.

बाबा से मिलने से पहले तक रामदास रोजाना ड्रग्स की तीन गोलियां खा जाते थे. जब वह नीम करोली बाबा के पास गए और बताया कि उनके पास एक असली माल है जो स्वर्ग का आनंद देता है.

 आप इसे खाएं तो ज्ञान के सारे दरवाजे खुल जाते हैं. क्या आप इसके बारे में कुछ जानते हैं?’ नीम करोली बाबा ने पूछा, ‘यह क्या है? उन्हें बताएं.

वह नीम करोली बाबा के पास आया और बोला, ‘मेरे पास एक असली माल है जो स्वर्ग का आनंद देता है. आप इसे खाएं तो ज्ञान के सारे दरवाजे खुल जाते हैं. क्या आप इसके बारे में कुछ जानते हैं?’ नीम करोली बाबा ने पूछा, ‘यह क्या है? मुझे बताओ.’

रामदास ने उन्हें कई सारी गोलियां दीं. वह बोले, ‘तुम्हारे पास कितनी हैं? उन्हें दिखाओ.  रामदास ने मुठ्ठीभर के वो गोलियां बाबा को दे दीं. जो कि रामदास के महीने भर की खुराक थी. 

बाबा ने सारी गोलियां एक साथ मुंह में डाल लीं और ये देख रामदास दंग रह गए और उन्हें यकीन था कि बाबा कुछ देर में मरने वाले हैं, लेकिन चमत्कार ये हुआ की बाबा को उन गोलियों का कोई असर नहीं हुआ.

बाबा अपना काम करते रहे. असल में बाबा का मकसद बस रामदास को यह बताना था कि तुम एक फालतू सी चीज पर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हो. यह चीज तुम्हारे किसी काम नहीं आने वाली.ये देख हार्वर्ड का ये डॉक्टर बाबा का वो भक्त बना जिसने न केवल उनपर किताब लिखी बल्कि एक फाउंडेशन बना कर लोगों को भी इससे जोड़ना शुरू कर दिया था.