Apr 3, 2024, 11:41 PM IST

महाभारत की 7 शक्तिशाली महिलाएं, नहीं टलता था इनका आदेश

Kuldeep Panwar

महाभारत के युद्ध में भले ही चर्चा अर्जुन, भीम, कर्ण, भीष्म जैसे पुरुष योद्धाओं की होती है, लेकिन इस युद्ध का कारण महिलाएं ही बनी थीं.

हम आपको महाभारत की 7 ऐसी शक्तिशाली महिलाओं के बारे में बता रहे हैं, जिनका आदेश टालने का साहस बड़े-बड़े योद्धा नहीं करते थे.

महाभारत की सबसे शक्तिशाली महिला द्रौपदी को माना जाता है, जिसके भरी सभा में चीर हरण के प्रयास ने ही महाभारत का युद्ध कराया था.

द्रौपदी ने परंपरा के खिलाफ 5 पांडवों से विवाह किया और फिर भी सम्मानित रहीं. उनकी बात अर्जुन-भीम जैसे योद्धा भी नहीं टाल सकते थे. 

पांडवों की परदादी सत्यवती भी बेहद शक्तिशाली महिला थीं. उन्हें राजा शांतनु की दूसरी पत्नी बनाने के लिए ही भीष्म ने ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा ली थी.

सत्यवती के आदेश पर ही महर्षि वेदव्यास उनकी बहुओं से नियोग करने को तैयार हुए थे, जिससे पांडु, धृतराष्ट्र और विदुर का जन्म हुआ था.

धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी भले ही पूरी जिंदगी आंखों पर पट्टी बांधकर रहीं, लेकिन फिर भी हस्तिनापुर की महारानी होने के नाते उनका बेहद रौब था.

गांधारी की शक्ति का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि उनके महज आंखों की पट्टी खोलकर देखने से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था.

कुंती भी बेहद शक्तिशाली महिला थीं. उन्होंने ही पांडु के शाप से पीड़ित होने पर माद्री के साथ देवताओं से नियोग कर पांडव भाइयों को जन्म दिया था.

अर्जुन की दूसरी पत्नी और श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा भी बेहद शक्तिशाली महिला थी, जिसकी बात को स्वयं श्रीकृष्ण भी नहीं टाल पाते थे.

सुभद्रा ही अभिमन्यु की माता थीं, जिसने महाभारत के युद्ध में अकेले चक्रव्यूह में घुसकर कर्ण, दुर्योधन, कृपाचार्य जैसे योद्धाओं को हरा दिया था.

भीम की पत्नी हिडिंबा भी बेहद शक्तिशाली महिला थीं. हिडिंबा राक्षस कुल से संबंध रखती थीं. इस कारण वह मायावी शक्तियों से भी संपन्न थीं.

अर्जुन की पत्नी उलूपी भी बेहद शक्तिशाली थीं. उलूपी भगवान विष्णु के शेषनाग के छोटे भाई वासुकी नाग की बेटी थीं, जो भगवान शंकर के गले में रहते हैं.