Jan 18, 2024, 12:56 PM IST

रामलला के लिए इस नागा साधु ने पहना था काला कोट, अब कृष्ण के लिए बढ़ाया कदम

Nitin Sharma

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. देशभर के लोग उत्साहित है. इसकी वजह दशकों तक कानूनी लड़ाई के बाद इस दिन का आना है. 

रामलला मंदिर के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. हिंदू पक्ष की तरफ से मशहूर वकील परासन ने पक्ष रखा, लेकिन इसमें एक नागा साधु करुणेश शुक्ला भी  हैं, जिन्होंने अहम भूमिका निभाई है. 

नागा साधु करुणेश ने राममंदिर का केस लड़ने के लिए ही कानून की पढ़ाई की और फिर रामलला का मुकदमा लड़ा

करुणेश शुक्ल की दादी ने उन्हें 1990 में अयोध्या भेज दिया था. वह चाहती थी करुणेश यहां रहकर भगवान की सेवा करें. 

यहां से आठवीं तक पढ़ाई कर करुणेश शुक्ला अयोध्या के हनुमानगढ़ी चले आये. यहां उन्होंने महंत हरिदास पहलवान के आश्रम में अपनी शिक्षा दीक्षा ली. 

यहां रहते हुए करुणेश भगवान श्रीराम से खास जुड़ाव रहा. उन्होंने भगवान का जप करने से लेकर घंटों तक चिंतन किया. इस दौरान भगवान को टेंट में देखकर करुणेश रो पड़ते थे. 

नागा साधु बन चुके करुणेश ने भगवान श्री राम मंदिर का पक्ष रखने के लिए वकालत शुरू की. उन्होंने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई और विजय भी प्राप्त की. 

अब करुणेश शुक्ला भगवान राम के बाद मथुरा के जन्मभूमि के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आज भी नागा साधु हूं और नियमित रूप से धर्म का पालन करता हूं.