May 13, 2024, 09:29 AM IST
उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा वृंदावन को भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भूमि कहा जाता है. द्वापर युग में यहां श्रीकृष्ण और राधा रानी का जन्म और पालन पोषण हुआ था.
हर दिन मथुरा वृंदावन में श्रीकृष्ण के लाखों भक्त पहुंचते हैं. ज्यादातर लोग यहां से कुछ न कुछ जरूर लाते हैं.
अगर आप भी वृंदावन मथुरा में बांके बिहारी के दर्शन करने जाते हैं तो भूलकर भी यहां से 1 चीज नहीं लानी चाहिए.
गर्गसंहिता के अनुसार, मथुरा वृंदावन से गिरिराज पर्वत का छोटा सा भी पत्थर नहीं लाना चाहिए. यह आपके लिए अनिष्ट हो सकता है. इसकी वजह गिरिराज पर्वत भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्यारा होना है.
गोवर्धन में स्थित गिरिराज पर्वत को पर्वतों का राजा माना जाता है. इन्हें श्रीकृष्ण का मुकुट स्वरूप माना गया है.
गोवर्धन पर्वत मथुरा से 21 और वृंदावन से 23 किलोमीटर दूरी पर स्थित हे. यहां हर दिन हजारों भक्त गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने पहुंचते हैं.
गर्ग संहिता में वृंदावन को गोलोक और गिरिराज पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण का मुकुट के रूप में सम्मानित किया है. श्रीकृष्ण के मुकुट का स्पर्श पाकर या दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के सभी दुख कट जाते हैं.
गोवर्धन की यात्रा करने और परिक्रमा से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कभी भी गिरिराज को 84 कोसों के बाहर नहीं लाना चाहिए. मान्यता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है, तो भविष्य में उसका अनिष्ट होता है.