Apr 26, 2024, 02:45 PM IST
वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज धर्म से जुड़ी बातों के बारे में भक्तों को बताते हैं. उन्होंने एक वीडियो में तिलक लगाने के महत्व के बारे में बताया है कि तिलक लगाना क्यों जरूरी है.
तिलक लगाना प्रभु के दासत्व को धारण करना होता है. प्रेमानंद महाराज के मस्तक पर किशोरी जू की दासत्व का चिन्ह हैं. अलग-अलग वैष्णव जन के लोग तिलक धारण करते हैं.
तिलक को धारण करने में शर्माना नहीं चाहिए. जो लोग तिलक धारण करने में शर्माते हैं उन लोगों का दुर्भाग्य है कि वह तिलक लगाने में शर्माते हैं.
जैसे एक शादीशुदा महिला पति के लिए सिंदूर लगाती है और मंगलसूत्र पहनती है तो वह शर्माती नहीं है. ऐसे ही कंठी माला और तिलक हमारे स्वामी की निशानी है.
यह प्रभु और हमारे बीच एक संबंध हैं. जब आप तिलक लगाते हैं तो देखते ही लोग कहेंगे की यह भगत है. ऐसे में आपका भगवान से संबंध आएगा.
हम सभी सौभाग्यवती है कि यह तिलक हमारी पहचान है. तिलक धारण करना कोई साधारण नहीं है जिसमें शर्म आनी चाहिए.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, तिलक लगाना कोई लकीर खिंच लेना नहीं है. मस्तक पर तिलक लगाना प्रभु की दासत्व को धारण करना होता है.