Jul 21, 2024, 05:09 PM IST
आज भी कई लोग रोग और कष्ट को दूर करने के लिए झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं और तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज ने रामायण कथा बताते हुए कहा कि जब लक्ष्मण मूर्छित हुए तो भगवान राम ने हनुमान जी से कह कर वैद्य को बुलवाया.
वैद्य जब पहुंचे तो उन्होंने लक्ष्मण को देखा और फिर हनुमान जी को भेजकर दवाई (संजीवनी बूटी) मंगवाई. प्रेमानंद जी कहते हैं कि उस समय भगवान के होते हुए....
वैद्य को बुलाया गया, दवाई लाई गई और पीस कर लक्ष्मण को पिलाया गया. इसलिए कहते हैं जब व्यक्ति को कोई रोग हो तो पाखंड में नहीं पड़ना चाहिए.
रोग या बीमारी हो तो अच्छे डाॅक्टर से सलाह लो, अच्छी दवाईयां लो और भगवान का नाम जप करो. क्योंकि कलावा बांधने और जंतुर बांधने से रोग नष्ट नहीं होते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि बीमारी को दूर करने के लिए झाड़-फूंक या किसी पाखंडी की दी हुई चीजों का सहारा न लें.
ऐसे में डाॅक्टर को दिखाएं, क्योंकि डाॅक्टर ही बीमारी को ठीक कर सकते हैं, कोई और नहीं. ऐसी स्थिति में नौटंकी-नाटक पर भरोसा मत करें.